आईसीटी पोस्ट न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली – 10 नवंबर, 2024
केंद्रीय विद्यालय कक्षा 1994 के तीन पूर्व छात्रों ने 7 अक्टूबर 2023 को गोवा आयरनमैन 70.3 रिले श्रेणी में हिस्सा लेकर अपनी यात्रा की शुरुआत की थी, और उनका उद्देश्य था कि वे अगले वर्ष इस चुनौती को व्यक्तिगत रूप से पूरा करें। ये तीन व्यक्ति थे—ऋषिकेश पाटणकर, कप्तान अभिनील राय और अमित कावले, जिन्होंने महीनों की कठिन मेहनत और प्रशिक्षण के बाद इस सपने को साकार किया।
ऋषिकेश पाटणकर: व्यक्तिगत सफलता की मिसाल
48 वर्षीय ऋषिकेश पाटणकर, जो राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) में कार्यरत हैं, ने 2024 में गोवा आयरनमैन 70.3 में शानदार व्यक्तिगत सफलता प्राप्त की। इससे पहले, उन्होंने सितंबर 2024 में कोल्हापुर लौह पुरुष 70.3 में हिस्सा लिया और फिर गोवा आयरनमैन 70.3 को अकेले ही पूरा किया। इस चुनौती में ऋषिकेश ने 1.9 किमी तैराकी, 90 किमी साइकिलिंग और 21.1 किमी दौड़ को 7 घंटे 46 मिनट में पूरा किया।
उनका प्रशिक्षण ग्रेटर नोएडा में सुबह-सुबह साइकलोक्रॉस ग्रुप के साथ हुआ, जबकि तैराकी का अभ्यास दिल्ली के प्रतिष्ठित तालकटोरा पूल में हुआ। इस कठिन यात्रा में उनका परिवार, खासकर उनका 15 वर्षीय बेटा वरद पाटणकर, जो खुद ट्रायथलॉन इवेंट (500 मी तैराकी, 20 किमी साइकिलिंग और 5 किमी दौड़) में हिस्सा ले चुका था, उनका सशक्त सहारा बना। वरद ने आयरनकिड्स 2024 इवेंट में 3 किमी दौड़ भी पूरी की, जो एक प्रेरणा का स्रोत बन गई।
कप्तान अभिनील राय: साहस और संघर्ष की पराकाष्ठा
भारतीय वायु सेना के अनुभवी हेलीकॉप्टर पायलट, कप्तान अभिनील राय (48 वर्ष) ने भी इस चुनौती को अपनाया और गोवा आयरनमैन 70.3 को सफलता से पूरा किया। उन्होंने 1.9 किमी तैराकी, 90 किमी साइकिलिंग और 21.1 किमी दौड़ को 6 घंटे 56 मिनट में पूरा किया। सैन्य प्रशिक्षण का लाभ उठाते हुए, कप्तान अभिनील राय ने इसे अपने जीवन का सबसे बड़ा सपना माना और कठिन अभ्यास के बाद इसे साकार किया।
उनके बेटे अध्यान राय ने भी इस सफलता से प्रेरित होकर आयरनकिड्स 2024 इवेंट में 2 किमी दौड़ पूरी की और साथ ही पुणे के बालेवाड़ी स्टेडियम में एक ट्रायथलॉन इवेंट (500 मी तैराकी, 20 किमी साइकिलिंग और 5 किमी दौड़) में भी हिस्सा लिया। यह उनकी पूरी परिवार की प्रतिबद्धता और धैर्य का प्रतीक बन गया।
अमित कावले: समय की कमी के बावजूद असाधारण सफलता
अमित कावले, एक समर्पित बैंकर, ने 2024 के गोवा आयरनमैन 70.3 रिले में भाग लिया और 90 किमी साइकिलिंग और 21.1 किमी दौड़ पूरी की। अपने 12-14 घंटे लंबे कार्यदिवसों के बावजूद, अमित ने अपनी फिटनेस को प्राथमिकता दी, यह साबित करते हुए कि पेशेवर जीवन और व्यक्तिगत स्वास्थ्य के बीच संतुलन संभव है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार, दोस्तों और सहयोगियों के निरंतर समर्थन को दिया और इसे अपने जन्मदिन का सबसे बेहतरीन उपहार माना।
तैराकी में समय की कमी के कारण, उन्होंने भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त कमोडोर मलय कुकरेती से मदद ली, जिन्होंने उन्हें तैराकी में मदद की। इस सहयोग से अमित को अपनी तैराकी में सुधार लाने और इस कठिन चुनौती को पूरा करने में सफलता मिली।
केंद्रीय विद्यालय 1994 बैच का अद्वितीय प्रदर्शन
इन तीनों एथलीटों ने केवल गोवा आयरनमैन 70.3 में अपनी व्यक्तिगत सफलताएँ प्राप्त कीं, बल्कि उन्होंने दृढ़ संकल्प, फिटनेस और आत्मविश्वास का एक प्रेरणादायक उदाहरण भी प्रस्तुत किया। उनके बेटों, वरद पाटणकर और अध्यान राय, अब इस यात्रा से प्रेरित होकर यह संकल्प कर चुके हैं कि वे 18 वर्ष की आयु में खुद आयरनमैन 70.3 की चुनौती का सामना करेंगे।
यह कहानी सिर्फ एक दौड़ की नहीं है, बल्कि यह जीवन के हर पहलू में सुधार, संघर्ष और साहस की प्रतीक है। इन एथलीटों के लिए आयरनमैन 70.3 न केवल एक शारीरिक चुनौती थी, बल्कि यह व्यक्तिगत विकास, दोस्ती और जीवन में उत्कृष्टता की निरंतर खोज का मार्ग भी था। उनके प्रयासों ने यह सिद्ध कर दिया कि कोई भी लक्ष्य सिर्फ मेहनत, संघर्ष और समर्पण से ही हासिल किया जा सकता है, चाहे वह 30 वर्षों के बाद का सपना हो या किसी नए जीवन की शुरुआत।